शक्ति प्रबंधन के महागुरु थे हनुमान जी
हनुमान जी की शक्ति का मूल केंद्र था ,उनका विनय गुण / यह विनय गुण ही था कि वह अपने सहयोगीयों के समकक्ष अपनी शक्ति का बखान नहीं कर रहे थे /जामवंत जी ने जब उनको प्रेरित किया तब वह लंका के लिए स्थान किए /रास्ते में जो सुरसा का प्रकरण है , हनुमान जी रूप बढ़ाते जाते हैं ,सुरसा मुख फैलाती जाती है / मान ली…